रायपुर। पीपल फार एनिमल्स सोसायटी रायपुर द्वारा 8 वर्षों से शहर के स्ट्रीट डाग्स के लिए रेस्क्यू और इलाज की सुविधा पहुंचाई जा रही है। संस्था द्वारा कई बीमार कुत्तों को हर दिन चंदखूरी स्थित शेल्टर होम में इलाज और देखभाल के लिए भर्ती किया जाता है। इसी कड़ी में 27 अप्रैल को कलेक्टर रायपुर, डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे द्वारा संस्था की नई डाग एम्बुलेंस का शुभारंभ किया जाएगा।
डोग एम्बुलेंस की विशेषताएं
कस्तूरी ने बताया कि पिछली 2 एम्बुलेंस से यह वाली अलग है। इस एम्बुलेंस में ड्राइवर सीट के बाद जाली का विभाजन है जिससे एक बार में 4-5 बीमार डॉग्स को गाड़ी में ले कर जाया जा सकेगा। एम्बुलेंस में डाग्स के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, फर्स्ट एड किट, डाग कैचिंग के उपकरण और GPS ट्रैकर भी लगा हुआ है।
शहर में डाग एम्बुलेंस की जरूरत
संस्था द्वारा हर दिन 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय कर डाग को रायपुर के अलग अलग इलाकों से बीमारी और एक्सिडेंट के इलाज हेतु रेस्क्यू किया जाता है। संस्था के हेल्पलाइन में हर दिन 18-25 गंभीर हालत में डाग्स की सूचना आम जनता द्वारा दी जाती है। अस्पताल और शेल्टर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की बढ़ती ज़रूरत को देखते हुए संस्था ने डाग एम्बुलेंस की शुरुवात की।
रेबीज़ ग्रसित श्वान का किया जा रहा रेस्क्यू
कस्तूरी बताती है कि रायपुर में नसबंदी अभियान और रेबीज़ टीकाकरण की कमियों की वजह से दर्जनों रेबीज़ से ग्रसित श्वान हर महीने रेस्क्यू होते है । इनके रेस्क्यू में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि इनके लार से रेबीज़ इंसानों और अन्य जीवों को फैल सकता है। संस्था द्वारा रेबीज़ से ग्रसित श्वान को लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है, मृत होने पश्चात ब्रेन सैंपल को रेबीज़ जांच के लिए बैंगलोर की लैब भेजा जा रहा है मृत श्वान का अंतिम संस्कार भी करवाया जा रहा है। यह एम्बुलेंस रायपुर शहर में डाग रेस्क्यू, आपरेशन तथा रेबीज़ संक्रमण को रोकने में सक्रिय रहेगी।