इमरान को पाक रेंजर्स ने कोर्ट रूस से गिरफ्तार किया है। पूर्व पीएम की गिरफ्तारी ऐसे वक्त पर हुई है। जब उन्होंने देश की खुफिया एजेंसी ISIS के ऑफिसर मेजर जनरल फैसल नसीर पर आरोप लगाए थे। इमरान ने कहा था कि मेजर उनकी हत्या कराने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर रेंजर्स द्वारा अल-कादिर ट्रस्ट मामले में अरेस्ट किया गया है। यहां खान अपने खिलाफ दर्ज मामलों में जमानत लेते पहुंचे थे।
तहरीक-ए-इंसाफ का दावा है कि इमरान खान के वकील बुरी तरह से घायल हुए हैं। वहीं, पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि पाक रेंजर्स ने इमरान का अपहरण कर लिया है।
पाकिस्तान का राजनीतिक इतिहास देखे तो लगभग सभी प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल विवादित रहा है। ऐसा पहली बार नहीं होगा जब पीएम की कुर्सी जाते ही उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है। इससे पहले जुल्फिकार अली भुट्टो, शाहिद खाकान अब्बसी, यूसुफ रजा गिलानी, बेनजीर भुट्टो और नवाज शरीफ जेल जा चुके हैं।
आइए जानते हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों को किस कारण जेल की हवा खानी पड़ी थी।
जुल्फिकार अली भुट्टो
– जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं। जिन्हें पद जाते ही जेल जाना पड़ा था।
– तत्कालीन सेना प्रमुख जिला उल हक ने 5 जुलाई 1977 को तख्तापलट कर दिया था। जुल्फिकार भुट्टो 14 अगस्त 1973 से 5 जुलाई 1977 तक प्रधानमंत्री रहे।
– तख्तापलट के बाद सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर 1974 में विपक्षी नेता नवाब मोहम्मद अहमद खान की हत्या का आरोप लगा था।
– 18 मार्च 1978 को लाहौर हाईकोर्ट ने जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी फांसी की सजा के खिलाफ अपील रद्द हो गई। जिसके बाद उन्हें 4 अप्रैल 1979 में फांसी पर लटका दिया गया था।
नवाज शरीफ
– नवाज शरीफ 3 बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, लेकिन कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं।
– 1990 में नवाज शरीफ ने सत्ता संभाली, लेकिन राष्ट्रपति इस्हाक खान से विवाद के बाद 1993 में असेंबली भंग हो गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शरीफ दोबारा सत्ता में आए। हालांकि सेना ने हस्तक्षेप कर सरकार को बर्खास्त कर दिया।
– नवाज शरीफ को साल 1999 में कारगिल युद्ध के बाद फिर सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। नवाज को जनरल परवेज मुशर्रफ ने सत्ता से बेदखल कर दिया था। परवेज मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति बन गए थे।
– इसके बाद मुशर्रफ ने उनको आजीवन कारावास की सजा दे दी। हालांकि साल 2000 नें उन्हें परिवार सहित निर्वासन पर भेज दिया गया।
– 2013 के चुनाव से पहले नवाज शरीफ वापस लौटे। उन्होंने चुनावी जीतकर तीसरी बार देश की कमान संभाली। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के आरोपों में अयोग्य घोषित कर दिया।
बेनजीर भुट्टो
– पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टों को 1999 में भ्रष्टाचार के आरोप में 5 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 7 साल तक निर्वासन में रही। 2007 में वो देश वापस लौटीं।
– 27 दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में एक रैली के बाद आत्मघाती बम और गोलीबारी कर उनकी हत्या कर दी गई।
यूसुफ रजा गिलानी
यूसुफ रजा गिलानी 2008 में गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें प्रधानमंत्री बनने से पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा था। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अयोग्यता के आधार पर पद से हटा दिया।
शाहिद खाकान अब्बासी
शाहिद खाकान अब्बासी 1 अगस्त 2017 से 18 अगस्त 2018 तक प्रधानमंत्री रहे। अब्बासी अपने कार्यकाल में फिजूलखर्ची करने के आरोप में राष्ट्रीय जबावदेही ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था।
आइए अब आगे जानते हैं इमरान खान (Imran Khan) पर क्यों गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
- 2018 में इमरान खान सत्ता में आए। इस दौरान उन्होंने तोशखाना विभाग को मिले उपहारों की जानकारी देने से इनकार कर दिया। इमरान का कहना था कि ऐसा करने से दूसरे देशों के साथ संबंध प्रभावित होंगे। इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर स्वीकार किया कि उन्होंने मिले उपहारों में से करीब 4 को बेच दिया।
- इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने 2002 से तोशखाना विभाग में सभी उपहारों की एक सूची जारी की। इस लिस्ट के मुताबिक इमरान खान को कुल 101 तोहफे मिले हैं। उन्होंने करीब 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये के गिफ्ट अपने पास रख लिए। पाक सरकार ने कहा कि इमरान ने तोशखाना विभाग को सिर्फ 2 करोड़ पाकिस्तानी रुपए दिए।
- तोशखाना मामले के अलावा इमरान खान पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन और जजों को डराने धमकाने का आरोप लगा है। पूर्व प्रधानमंत्री पर हत्या का भी आरोप है। इस संबंध में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एम पार्टी के नेता मोहसिन शाहनवाज रांजा ने शिकायत दर्ज कराई है। रांजा ने आरोप लगाया है कि इमरान के इशारे पर मुझे मारने की साजिश रची गई।
- वहीं, इमरान खान के खिलाफ प्रतिबंधित संगठनों से फंड लेने की एक और शिकायत दर्ज की गई है। इमरान और उनकी पार्टी पर विदेशों में पाकिस्तानी नागरिकों और कंपनियों से पैसे लेने का आरोप है।