Drugs Survey: इंदौर, शहर में मादक पदार्थों का उपयोग करने वालों पर नकेल कसने में पलिस आयुक्त प्रणाली कारगर कार्रवाई करने में अब तक सफल नहीं हुई है। एनजीओ इवा वेलफेयर आर्गेनाइजेशन द्वारा किए गए भौतिक और आनलाइन सर्वे में पाया गया है कि कई बस्तियों में मादक पदार्थों की उपलब्धता के लिए आठ-आठ ठीए तक हैं। सर्वे में सम्मिलित 55 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि वे दिन में पांच बार तक नशा करते हैं। पुलिस आयुक्त भी स्वीकार करते हैं कि लूट के कई मामलों में आरोपितों ने स्वीकार किया है कि वे नशे की लत के कारण उन्होंने वारदात की। इस दिशा में समय रहते पूरी तरह अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
Drugs Survey: अलग-अलग आयु वर्ग के 100-100 लोगों से एनजीओ के सदस्यों ने सवाल पूछे
शहर की बस्तियों में रहने वाला 20 से 50 आयु वर्ग का हर दूसरा व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है। बस्तियों में शराब से लेकर गांजा, स्मैक, चरस और एमडीएमए का सेवन हो रहा है। यह खुलासा एक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है। हैरानी की बात है कि नशा करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें भी 20 से 35 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं सबसे ज्यादा हैं।
दूसरे क्रम पर 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। नशा करने वालों में से 53 प्रतिशत लोगों ने स्वीकारा कि नशे की वजह से उनके जीवन नष्ट हो रहा है, वहीं 57 प्रतिशत ने माना कि नशे की वजह से उनका कार्यक्षमता प्रभावित हुई है।
ऐसे किया सर्वे
एनजीओ ने यह सर्वे फरवरी 2019 से अगस्त 2022 के बीच किया था। शहर की अलग-अलग निचली बस्तियों में किए इस सर्वे के लिए अलग-अलग आयु वर्ग के 100-100 लोगों से एनजीओ के सदस्यों ने सवाल पूछे। इसके अलावा आनलाइन भी जवाब बुलाए गए थे। एनजीओ संचालिका भारती मंडोले ने पुलिस को रिपोर्ट सौंपी है।
57% ने माना- नशे की वजह से उनका कार्यक्षमता प्रभावित हुई
55% लोगों ने माना- वे दिन में पांच बार तक करते हैं नशा
नशा करने वालों में…
सबसे ज्यादा : 20 से 35 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं
दूसरे क्रम पर : 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं
ये नशा : शराब, गांजा, स्मैक, चरस और एमडीएमए का सेवन कर रहे
यह बात सामने आई सर्वे में
-20 वर्ष से कम आयु के और 50 से 60 आयु वर्ग के 30 प्रतिशत व्यक्ति किसी न किसी तरह का नशा करते हैं।
-20 से 50 आयु वर्ग के 63 प्रतिशत व्यक्ति नशे का सेवन करते पाए गए, इसमें मादक पदार्थों के साथ शराब भी शामिल है।
-60% से ज्यादा लोगों को शराब की लत है।
घर पर नशे का सेवन करने वाले कम
सर्वे यह बात भी सामने आई है कि घर पर नशे का सेवन करने वालों का प्रतिशत सबसे कम है। सिर्फ दो प्रतिशत लोग ही घर में बैठकर नशा करते हैं। 64 प्रतिशत लोग खुले में नशा करते हैं जबकि सिर्फ 34 प्रतिशत लोग ही दुकान में नशा करते हैं। इसमें एक बड़ा वर्ग यानी करीब 55 प्रतिशत लोग दिन में पांच बार तक नशा करते हैं। 45 प्रतिशत लोग एक या दो बार नशा करते हैं।
बेरोजगारी और मानसिक तनाव भी है कारण
सर्वे में अलग-अलग बस्तियों में अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों से जब नशे की वजह पूछी गई तो तीन कारण प्रमुखता से निकलकर सामने आई। इनमें मानसिक तनाव, दोस्तों की संगत और बेरोजगारी प्रमुख थी। रिपोर्ट में बताया है…
56% लोग दोस्तों के साथ रहकर नशा करते हैं।
17% बेरोजगारी के कारण नशा करते हैं।
27% लोग मानसिक तनाव के कारण नशा करते हैं
कौन-कौन से नशे का सेवन
42% लोग शराब पीते हैं
38% लोग गांजा पीते हैं
20% लोग अफीम लेते हैं
बस्तियों में आसानी से मिल रहा नशा
चौंकाने वाली बात यह है कि नशा करने वालों में से 89 प्रतिशत लोगों ने माना कि बस्तियों में 5 से ज्यादा ऐसी जगह हैं जहां नशीली चीजें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। कुछ बस्तियों में इस तरह 8-8 दुकानें होने की बात भी सामने आई।
नशे के लिए भी लूटते हैं
पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर के मुताबिक निचली बस्तियों में युवा नशे के शिकार हैं। हाल ही में हुई लूट की घटनाओं में भी आरोपितों ने मादक पदार्थों के लिए वारदात करना स्वीकारा है।