श्रीहरिकोटा (Chandrayaan-3 News)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-3 सटीक तरीके से चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार को चंद्रयान ने एक और सफलता हासिल कर ली। विक्रम लैंडर यान से अलग हो गया है। इसरो ने प्रोपल्शन माड्यूल और लैंडर माड्यूल को सफलता पूर्वक अलग कर दिया।
अब 23 अगस्त को इसी लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग होना है। लैंडिंग के लिए शाम 5.45 बजे का समय बताया गया है। इससे पहले भारत के तीसरे चंद्रमा अभियान चंद्रयान-3 ने बुधवार को अंतिम बार अपनी कक्षा में बदलाव किया।
ISRO ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा,
‘सवारी के लिए धन्यवाद, दोस्त! ‘ लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने कहा। एलएम को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। कल लगभग शाम 4.00 बजे से निचली कक्षा में उतरने के लिए तैयार है।
Chandrayaan-3 timeline
- 14 जुलाई: रवानगी
- 1 अगस्त: पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ा।
- 5 अगस्त: चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा
- 6 अगस्त: दूसरी बार कक्षा बदली गई
- 9 अगस्त: तीसरी बार कक्षा बदली गई
- 16 अगस्त: चौथी बार कक्षा बदली गई
- 17 अगस्त: विक्रम लैंडर यान से अलग हुआ
- Chandrayaan-3: जानिए आगे क्या होगा
- लैंडिंग मॉड्यूल, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल थे, प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गए हैं।
- अब लैंडर -रोवर की गति घटाने का प्रयास किया जा रहा है।
- 23 अगस्त को यान के लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
क्या होगा यदि फेल हो गया इंजन
चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बनेगा भारत
अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। पूर्व में चंद्रयान-2 मिशन के तहत भारत ने 2019 में लैंडर को उतारने का प्रयास किया था। हालांकि आखिरी क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया था और उसकी क्रैश लैंडिग हो गई थी। इस बार सफल लैंडिंग के लिए कई अतिरिक्त सावधानियां इसरो ने बरती हैं।