मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है। दरअसल छतरपुर जिले की गौरी हार में रहने वाली 60 वर्ष की बुजुर्ग रामप्यारी पटेल को कोरोना पॉजिटिव बता कर उसके घर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। घर के बाहर और आसपास कंटेनमेंट एरिया का पोस्टर लगा दिया गया।
बुजुर्ग महिला रामप्यारी पटेल का कहना है कि पिछले 5 महीनों से वह ना तो अस्पताल गई हैं और ना ही उन्होंने किसी प्रकार की कोई जांच कराई है। इसके विपरीत स्वास्थ्य विभाग के सरकारी आंकड़े कहते हैं कि रामप्यारी पटेल 5 तारीख को गौरिहार स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थीं और उनका कोविड-19 टेस्ट किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस कथित टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उनके घर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था।
लोगों ने बंद किया बात करना
रामप्यारी पटेल गौरीहार में एक कच्चे मकान में रहती हैं। बुजुर्ग महिला का कहना है कि जब वह सो कर उठीं तो उन्होंने देखा कि लोगों ने उससे बात करना बंद कर दिया है, कोई उसके पास नहीं आ रहा था, आसपास कुछ पोस्टर लगे हुए थे। लोगों से पूछने पर पता चला कि मुझे कोई बीमारी निकली है, जिसे कोरोना वायरस कहते हैं।
आंखों के चश्मे के लिए 5 महीने पहले अस्पताल गई थीं राम प्यारी
रामप्यारी पटेल का कहना है कि वह पिछले 5 महीनों से ना तो किसी तरह से बीमार हुई हैं और ना ही अस्पताल गई हैं। 5 महीने पहले आंखों के चश्मे के लिए अस्पताल जरूर गई थीं, उसके बाद आज तक उन्हें कोई बीमारी नहीं हुई। हालांकि रामप्यारी पटेल को कानों से कम सुनाई देता है इसलिए कई बार पूछने पर वह बार-बार सिर्फ एक ही जवाब दे रही थी कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है।
जांच के आदेश
मामले के संबंध में जब गौरीहार ब्लॉक के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ एस प्रजापति से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले की जानकारी लगते ही उन्होंने न सिर्फ स्टाफ को फटकार लगाई बल्कि जांच के आदेश भी दिए हैं। इस तरह की लापरवाही कहां और किसके द्वारा की गई है, उस पर जांच होने के बाद कार्रवाई भी की जाएगी।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
संबंधित मामले में भले ही स्वास्थ्य विभाग अब अपनी सफाई दे रहा हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग खुद कई सवालों के घेरे में है। 60 वर्ष की एक बुजुर्ग महिला जो पिछले कई महीनों से ना तो बीमार हुई है और ना ही अस्पताल गई तो फिर कैसे और कहां उसका सैंपल ले लिया गया और कैसे वह बुजुर्ग महिला पॉजिटिव हो गई। इन तमाम सवालों के जवाब अभी भी स्वास्थ्य विभाग नहीं दे पा रहा है।