रेलवे के इतिहास में ऐसा कम ही देखने को मिलता है। जब बिना सूचना के ही राजधानी जैसे वीआईपी ट्रेन को घंटों निर्माण कार्य की वजह से रोक दिया गया हो। साउथ ईस्टर्न रेलवे रांची रेल मंडल के लोहरदगा स्टेशन से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी में स्थित रेलवे फाटक को बंद कर अंडर पास सड़क निर्माण के लिए राजधानी एक्सप्रेस को 30 जनवरी को लोहरदगा रेलवे स्टेशन में रोक दिया गया।
रांची से छूटकर राजधानी एक्सप्रेस लोहरदगा रेलवे स्टेशन में शाम 6:10 में पहुंची थी। उसके बाद उसे होल्ड कर दिया गया । कोई भी अधिकारी यह नहीं बता रहा था कि ट्रेन कब स्टेशन से छूटेगी। पैसेंजर को बोगी में ही रखा गया । उन्हें उतरने की भी इजाजत नहीं दी गयी। आरपीएफ के जवान सुरक्षा में लगे हुए थे। उनका कहना था कि वीआईपी ट्रेन होने की वजह से किसी को उतरने की इजाजत नहीं है। न ही कोई यात्री यहां से ट्रेन के बोगी में चढ सकेगा। यह निर्णय सुरक्षा के दृष्टिकोण से लिया गया । ट्रेन के अंदर कोई भी बाहरी आदमी नहीं जा सकेगा। पैसेंजरों में बाहर से अफरातफरी की स्थिति नजर आ रही थी। करीब ढाई घंटे के बाद ट्रेन रवाना की गयी।
इस बीच लोहरदगा रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी में कुटुम में अंडरपास का निर्माण रांची रेल मंडल के डिविजनल इंजीनियर इंजीनियर अमित कंचन की अगुवाई में 15 तकनीकी अधिकारी और बड़े-बड़े यांत्रिक गाड़ियां और 200 से अधिक श्रमिकों की अगुवाई में किया जा रहा था। इस काम को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा थ।
गाड़ी रवाना होने से पहले पूरे पटरी को उखाड़कर अंडरपास के लिए बड़े-बड़े स्लैब डाले गए। पटरी को ऊपर के हिस्से में चढ़ा दिया गया । इधर स्टेशन मास्टर सीएल भगत ने बताया कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गयी। हर अधिकारी अपने अपने ढंग से बता रहे थे। कोई एक घंटा कह रहा था तो कोई आधे घंटे में ट्रेन छोड़ देने की बात कर रहा था। पर स्पष्ट रूप से स्टेशन को अब तक कोई सटीक जानकारी नहीं मिली थी। अंडरपास निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में आरपीएफ के अधिकारी और जवान भी तैनात दिखे। मौके पर भारी भीड़ जुटी रही। दूसरी ओर पैसेंजर परेशान रहे। स्थानीय लोगों के अलावा कुछ रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस को शाम सात बजे निर्माण कार्य पूरा कर पार कर देना था, पर ऐसा नहीं हो सका। इसी वजह से राजधानी एक्सप्रेस करीब तीन घंटे तक लोहरदगा स्टेशन में रोका गया।