डीएनए टेस्टिंग का नाम सुनते ही लोगों के मन में कई तरह के सवाल आने लगते हैं। डीएनए टेस्टिंग से कई चीजों के बारे में पता लगाया जा सकता है। इससे सगे-संबंधी और खून के रिश्तों के बारे में पता लगाया जा सकता है। साथ ही इससे किसी भी तरह की जैविक बीमारी का पता भी लगाया जा सकता है। बहुत से लोग डीएनए टेस्टिंग को लेकर काफी उत्सुक रहते हैं।
हाल ही में एक अमेरिकी परिवार ने भी होम टेस्टिंग किट से अपना डीएनए टेस्ट किया और इसके रिजल्ट ने सभी के होश उड़ा दिए। डीएनए टेस्ट से पता चला कि उनकी बेटी का बायोलॉजिकल रूप से अपने पिता के साथ कोई संबंध नहीं था। यह मामला साल 2020 क्रिसमस का है। ओहयो में रहने वाली जेसिका हार्वे और उनके पति ने अपने माता पिता से डीएनए टेस्टिंग किट लाने को कहा। जेसिका के परिवार का इटली जाने का प्लान था। जेसिका के पिता माइक हार्वे इटली के मूल निवासी हैं।
टुडे पेरेंट्स द्वारा रिपोर्ट की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेसिका ने बताया कि हमने इटली जाने से पहले डीएनए टेस्टिंग का इसलिए सोचा था ताकि हम वहां मिलने वाले रिश्तेदारों से जुड़ें और उनके बारे में ज्यादा जान सकें। इसके लिए हमारे माता -पिता ने क्रिसमस गिफ्ट के तौर पर हमें डीएनए टेस्टिंग किट गिफ्ट की। उससे जो रिजल्ट सामने आया उसने सबकुछ बदल दिया और अब शायद ही कभी हमारी जिंदगी पहले की तरह हो पाएगी। डीएनए टेस्ट के जरिए पता चला कि जेसिका अपने पिता माइक की बेटी नहीं है।
पहली बार उन्हें लगा यह गलत है लेकिन फिर से टेस्ट करने पर उन्हें पता चला कि वह अपनी मां जीनिन की तो बेटी है लेकिन माइक उसके पिता नहीं हैं। माइक और जीनिन ने बच्चे के लिए आईवीएफ का सहारा लिया था ऐसे में अब उनका दावा है कि डॉक्टर ने माइक के बजाय किसी अनजान के स्पर्म का इस्तेमाल किया था। इसके लिए जेसिका के माता पिता ने एक्रोन सिटी अस्पताल में आईयूएफ केंद्र के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसे अब सुम्मा हेल्थ सिस्टम के नाम से जाना जाता है।
जीनिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा हम एक ऐसा बच्चा चाहते थे जो आनुवंशिक रूप से हम दोनों से संबंधित हो। उनका दावा है कि इसके लिए डॉ निकोलस स्पिरटोस जिम्मेदार हैं। जीनिन ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉ निकोलस स्पिरटोस ने हमारी इजाजत के बिना मेरे पति के बजाय किसी अनजान व्यक्ति के स्पर्म का इस्तेमाल किया।