China-Taiwan Tension: अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन बौखला गया है। सैन्य अभ्यास के दौरान चीनी सैनिकों ने ताइवान बॉर्डर पर कई बैलिस्टिक मिसाइले दागी है। ताइपे ने रक्षामंत्रालय ने इसे तर्कहीन कार्रवाई करार दिया है। मंत्रालय ने संक्षिप्त बयान में कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने पूर्वोत्तर और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में डोंगफेंग सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है।
बता दें बुधवार को नैंसी पेलोसी ने ताइवान की संसद को संबोधित किया। उन्होंने राष्ट्रपति साई इंग वेग से मुलाकात की। कहा कि अमेरिका ने 43 साल पहले ताइवान के साथ खड़े रहने का जो वादा किया था। वो उस पर अडिग है। ताइपे से पेलोसी बुधवार को ही दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई।
उधर नैंसी ने दौरे के बाद चीन नाराज है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शुआंग ने कहा कि नैंसी पेलोसी की यात्रा के कारण होने वाले अंजाम के लिए यूएस और ताइवान के अलगाववादियों को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। चीन अपनी बात पर खरा उतरेगा। बौखलाई चीनी सेना ने मंगलवार रात को मिसाइल दागने का अभ्यास किया। ताइवान के दक्षिण भाग में लड़ाकू विमान भी उड़ाए। पीएलए ताइवान के चारों और 6 स्थानों पर 7 अगस्त तक युद्धाभ्यास करेगी।
स्वीडन और फिनलैंड नाटो में होंगे शामिल
इधर अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के पक्ष में डेमोक्रेट व रिपब्लिकन दोनों के 95 सदस्यों ने वोट किया, विपक्ष में मात्र एक रिपब्लिकन सांसद ने वोट डाला। विरोध में वोट करने वाले रिपब्लिकन जोश हाउले ने कहा कि हमें यूरोप की सुरक्षा पर फोकस कम करने की जरूरत है, जबकि चीन के खतरे पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। बता दें यूक्रेन पर रूस के हमले से डरे स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है। इसके लिए सभी 30 नाटो सदस्य देशों के समर्थन की जरूरत है। अब तक दो तिहाई सदस्य देश समर्थन कर चुके हैं।