GST Tax System: इंदौर, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत फारवर्ड चार्ज मैकेनिज्म में आने के लिए ट्रांसपोर्टरों को दी जाने वाली समय सीमा बढ़ा दी गई है। सरकार ने राजपत्र में प्रकाशन के जरिये अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है। पहले यह तिथि 31 मार्च को समाप्त हो गई थी। ट्रांसपोर्टरों को एक और मौका दिया गया है कि वे विकल्प चुन सकें।
जीएसटी में जीटीए यानी गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसी के रूप में पंजीकृत संस्थान जो माल परिवहन के लिए बुकिंग करते हैं यदि वे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) से फारवर्ड चार्ज में आना चाहते हैं तो उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ मिलता है। अभी कई बुकिंग एजेंसी या ट्रांसपोर्टर्स आरसीएम के तहत ही जीएसटी लेते हैं। इसमें वे खुद जीएसटी रजिस्टर्ड नहीं होते और माल भेजने वाले व्यापारी के जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही आरसीएम में जीएसटी वसूली करते हैं।
ऐसे में उन्हें 5 प्रतिशत जीएसटी माल भाड़े पर लेना होता है, जिसका आइटीसी नहीं मिलता। अब उनके पास विकल्प है वे 31 मई तक फारवर्ड चार्ज मैकेनिज्म में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार कई ट्रांसपोर्टर्स फारवर्ड चार्ज में आना चाहते हैं। दरअसल ट्रक और उनकी गाड़ियों के मूल्य पर भारी जीएसटी लगता है।
फारवर्ड चार्ज का विकल्प चुनने पर ट्रांसपोर्टरों को भाड़े पर 12 प्रतिशत जीएसटी काटना होगा। हालांकि इस पूरी जीएसटी का उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जाएगा। यह क्रेडिट वह अपने द्वारा खरीदे जाने वाले वाहनों पर लागू जीएसटी से समायोजित कर सकेंगे। कई ट्रांसपोर्टर इसमें आना चाह रहे थे। उन्हें अब एक ओर मौका दे दिया गया है। सरकार भी चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा ट्रांसपोर्टर रजिस्ट्रेशन लेकर फारवर्ड चार्ज में आ जाएं।