Trimbakeshwar Temple: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नासिक के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मुस्लिम युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले के इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में आ गई है।
कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी की तलाश है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और होम मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दे दिए हैं। एडीजी रैंक का अधिकारी जांच कर रहा है।
देवेंद्र फडणवीस के दफ्तर ने बताया, त्र्यंबकेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर अवैध रूप से भीड़ जमा होने के मामले में नासिक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फंदानवीस ने भी एडीजी स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है जो घटना की जांच करे। एसआईटी पिछले साल हुई ऐसी ही एक घटना की भी जांच करेगी।
Trimbakeshwar temple: पढ़िए पूरा घटनाक्रम
यह पूरा घटनाक्रम 13 मई, शनिवार का है। ट्रस्ट की ओर से पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक, 10 से 12 की संख्या में युवा जबरन मंदिर में घुस गए। उनके पास हरी चाहर और फूलों के गुच्छे थे। इन्होंने चादर चढ़ाने की कोशिश की जैसे मजार पर चढ़ाई जाती है।
करीब 30 मिनट तक यह हंगामा चला। इस दौरान आरोपी युवाओं ने इसका वीडियो भी बनाया। यह वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप फैल गया। हिंदू संगठनों ने इस पर भारी आपत्ति ली है।
रिपोर्टों के अनुसार, ये युवा उर्स जुलूस में भाग लेने आए थे। इनकी कोशिश त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में घुसकर पवित्र शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की थी। मंदिर में घुसने के प्रयास को सतर्क सुरक्षाकर्मियों और मंदिर प्रबंधन ने नाकाम कर दिया।
ट्रस्ट ने पुलिस को भेजे पत्र में केवल हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देने की पुरानी परंपरा पर भी जोर दिया गया है। लिखा गया कि घटना सामाजिक गड़बड़ी पैदा करने की साजिश है। देवस्थान ट्रस्ट के सदस्यों ने आरोपियों पर जल्द से जल्क कार्रवाई करने की मांग की है। बता दें, ज्योतिर्लिंग मंदिर के रूप में प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर का अत्यधिक महत्व है।