Delhi vs Center ordinance row: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मुंबई में हैं जहां उन्होंने मातोश्री जाकर शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद तीनों नेता मीडिया के सामने आए। उद्धव ठाकरे ने कहा, हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। मुझे लगता है कि हमें विपक्षी दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें (केंद्र को) ‘विपक्षी’ कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं।
वही केजरीवाल ने कहा, उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा समर्थन करेंगे और अगर यह विधेयक (अध्यादेश) संसद में पारित नहीं हुआ तो 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान मंगलवार शाम मुंबई पहुंचे। केजरीवाल, मान और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता बुधवार को दोपहर में ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे। गुरुवार को राज्य प्रशासनिक मुख्यालय के सामने स्थित यशवंतराव चव्हाण केंद्र में पवार से मिलेंगे।
इससे पहले केजरीवाल और मान ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए देशव्यापी दौरे के तहत कोलकाता में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की।
विपक्ष से मदद क्यों माग रहे केजरीवाल?
कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के बाद अरविंद केजरीवाल को अपने लिए बड़ा खतरा नजर आ रहा है। यही कारण है कि हर विपक्ष दल से मदद मांग रहे हैं। उस कांग्रेस से भी समर्थन मांग रहे हैं, जिसके कोस कर राजनीति में कदम रखा।