राज्य ब्यूरो रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत राज्य सरकार की ओर से हर परिवार का घर का सपना साकार करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में 87 हजार आवास अटके हुए हैं, जिन्हें दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह आवास वर्ष-2023 में ही पूर्ण हो जाने थे, लेकिन पिछली सरकार की लापरवाही और राशि के अभाव में नहीं हो पाए।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 60 प्रतिशत राशि केंद्र तथा 40 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। पूर्ववर्ती सरकार में योजना के लिए राज्य का हिस्सा नहीं मिलने के कारण आवास पूर्ण नहीं हो पाए हैं।
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 11 लाख 76 हजार 142 स्वीकृत हुए हैं। इनमें से 10 लाख 88 हजार 329 आवास बन चुके हैं। केंद्र सरकार की ओर से वर्ष-2024 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने का उद्देश्य है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में बने आवासों में से ग्रामीण क्षेत्रों में 60 प्रतिशत से अधिक मालिकाना हक महिलाओं को दिया गया है।
योजनांतर्गत वर्ष 2016-23 तक केंद्र सरकार की ओर से 11,76,142 आवासों का लक्ष्य प्रदान किया गया था। इसमें 2,77,765 अनुसूचित जनजाति, 2,25,776 अनुसूचित जाति, 5419 अल्पसंख्यक और 959 दिव्यांग हितग्राहियों के लिए आवास स्वीकृत है। प्रदेश में एक अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री अवासा योजना-ग्रामीण का संचालन किया जा रहा है।
केंद्र सरकार से अनुमति का इंतजार
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 15.18 लाख परिवारों को अभी तक आवास की स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 6.99 लाख परिवार योजना के स्थायी प्रतीक्षा सूची और 8.19 लाख परिवार आवास प्लस में शामिल हैं। इसके लिए केंद्र सरकार को अनुमति के लिए भेजा गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 10,500 आवास बनाने का अनुरोध किया गया है।
पहली कैबिनेट बैठक में लिया गया था निर्णय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख से ज्यादा परिवारों को आवास देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची के पात्र शेष 6,99,439 परिवारों, आवास प्लस सूची के पात्र 8,19,999 परिवारों की स्वीकृत तथा निर्माणाधीन 2,46,215 आवासों को शीघ्र पूर्ण करने का निर्णय लिया गया था।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के संचालक रजत बंसल ने कहा, योजना के तहत अपूर्ण आवासों को पूरा करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। जिले के कलेक्टरों को इसके लिए निर्देशित किया गया है। राज्य शासन की ओर से पर्याप्त बजट उपलब्ध कराई गई है।
स्वीकृत आवासों का आवंटन करने के निर्देश
प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत स्वीकृत आवासों का आवंटन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की बैठक में परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत आवासों के निर्माण की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 156 नगरीय-निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के घटक हितग्राहियों की ओर से स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) के अंतर्गत 937 परियोजनाओं में एक लाख 50 हजार 898 आवास स्वीकृत किए गए हैं।
केंद्र और राज्य के मंत्री बोल रहे झूठ : भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर केंद्र और राज्य के मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के मंत्री भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। विधानसभा में मंत्री स्वीकार कर चुके हैं कि 18 लाख आवास की बात करने वाली सरकार ने आज तक किसी भी हितग्राही को एक भी आवास के लिए एक भी किस्त जारी नहीं की है।
पहली कैबिनेट में 18 लाख आवास स्वीकृत करने के विज्ञापनों और प्रचार से लोगों को आवास नहीं मिलेगा। कांग्रेस सरकार ने बजट में आवास के लिए धनराशि रखी थी। केंद्र ने राशि नहीं भेजी तो 7.5 लाख लोगों को पहली किस्त जारी भी कर दी गई थी। राज्य सरकार का विधानसभा में कलई खुलने के बाद शिवराज सिंह चौहान से झूठ बुलवा रही है। गरीबों के आवास की बात पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
आवास दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: अरुण साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों को आवास दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दिसंबर-2023 के पहले हर महीने 1,680 के औसत से आवास बनते थे। जबकि, इस वर्ष अब तक राज्य में हर माह 5,018 के औसत से 30,105 आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत इस साल जनवरी से जून तक 165 करोड़ 30 लाख रुपये का केद्रांश और 94 करोड़ 13 लाख रुपये का राज्यांश स्वीकृत किया गया है। योजना के तहत कुल 358 करोड़ 22 लाख रुपये का भुगतान हितग्राहियों को किया गया है। राज्य में शहरी क्षेत्रों में आवासों का निर्माण लगातार जारी है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवास निर्माण में तेजी आएगी।